कचरा प्रबंधन से सीख और विचार
16 जुलाई 2022 को अविरल टीम के द्वारा भगत सिंह चौक पर एक विजिट का आयोजन किया था वहां पर हमें कचरे के ट्रांसफर स्टेशन के बारे में जानने को मिला । ट्रांसफर स्टेशन यानी (कूड़ा खाली करने का एक डंपिंग पॉइंट)। वहां पर जाकर हमने देखा कि वहां पर कई वार्डो से कचरा लाया जाता है, और वह कचरा सभी वार्डो से मिक्स ही आता है, फिर उस कचरे को अलग-अलग करने के लिए कई लोगों की आवश्यकता पड़ती है, उन लोगों के द्वारा कचरे को अलग- अलग छांटकर अपने इस्तेमाल में लाया जाता है, ट्रांसफर स्टेशन पर जाकर हमने यह सीखा कि घर से निकलने वाले कचरे को अलग अलग करना काफी जरूरी है जिससे कि वहां पर कचरा एकत्रित करने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े l मुख्य तौर पर देश के प्रत्येक नागरिक को कचरे के प्रति जागरूक होना जरूरी है ,जिससे की कचरे की समस्या का जल्द से जल्द निपटान किया जा सके , और लोगों को यह भी जानना जरूरी है कि घर से निकलने वाले कचरे को अलग-अलग देने से क्या फायदे हैं
यदि लोग कचरे के प्रति पूर्ण रूप से जागरूक हो जाएंगे , तो प्रत्येक घर से कचरा अलग-अलग आएगा जिससे कूड़ा छाटने वाले लोगों को को आसानी होगी , और वह सरलता से अपने काम को पूरा कर पाएंगे। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा , और कचरे का भी पुनर्चक्रण हो पाएगा ।और मुख्य रूप से प्लास्टिक का सबसे महत्वपूर्ण विकार यह है कि यह हमारे जल जीवन स्वास्थ्य आदि को भी अवरुद्ध करता है, तथा उसका विलायक भी ऐसा नहीं होता है कि जो प्रकृति के प्रति अच्छा हो , इसलिए कचरे को अलग-अलग करना बहुत जरूरी है , जिससे किसी के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव ना पड़े ।
“सफाई से जोड़ लो नाता”
“नहीं तो होगा बहुत बड़ा घाटा”
ट्रांसफर स्टेशन पर बहुत समस्या देखने को मिलती है , लेकिन लोगों की कूड़े के प्रति कोई भी जिम्मेदारी नहीं है , वह कूड़े को बेकार समझ कर कहीं भी फेंक देते हैं लोग यह नहीं सोचते हैं कि हमारे घर से निकलने वाला कचरा बेकार हो सकता है , परंतु वह किसी व्यक्ति की रोजी-रोटी का साधन भी हो सकता है।
सर्वप्रथम लोगों को कूड़े के प्रति जागरूक होना चाहिए , जिससे कि घर से ही कचरा मिक्स ना जाए , और कूड़ा छाटने वालों को भी आसानी हो, तथा वह अपनी आमदनी का स्तर बढ़ा सकें ।
कूड़े की बढ़ती समस्या को कम करते हुए इसे बेहतर करने के लिए , सर्वप्रथम सभी घरों के लोगों को कूड़े के प्रति उनकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाया जाए , जिससे कि वह लोग कचरे के प्रति जागरूक हो सकेंl सफाई मित्र को भी अपने काम के प्रति जागरूक कराया जाए ताकि वह भी सभी घरों से कचरा अलग-अलग ले, और अपने कूड़े गाड़ी में भी अलग अलग ही डालें । संस्थागत या व्यवसायिक स्तर पर ऐसे सिस्टम स्थापित होने चाहिए जो सैग्रीगेशन से जुड़े हो , जैसे हर जगह कचरा डालने के लिए दो कूड़ेदान रखना , यदि संभव हो तो गीले कचरे का निस्तारण कार्यालय परिसर में कंपोस्ट या बायोगैस प्लांट लगाकर किया जा सकता है ।
डंपिंग पॉइंट पर जिन वार्डों का कचरा मिक्स डाला जाता है सर्वप्रथम उसकी व्यवस्था की जाए , और जो कचरा अलग-अलग आ रहा हो उसे अलग स्थान पर ही डाला जाए , जिससे कि कूड़े का सही निस्तारण किया जा सके । अगर ऐसी व्यवस्था अपना ली गई तो कूड़े का प्रबंधन पूर्ण रूप से किया जा सकता है ।
और सफाई कर्मी को भी यह बताया जाना चाहिए कि लोगों से कूड़ा अलग ही लें , और खुद भी उसे अलग ही डालें । इस प्रक्रिया को और अधिक बेहतर बनाने के लिए सभी वार्डों से कूड़ा लाने वाले सफाई कर्मी को भी सर्वप्रथम जागरूक करना जरूरी है , क्योंकि अविरल टीम के द्वारा कुछ ही वार्डों में कार्य किया जा रहा है , उस कार्य का असर पूर्ण रूप से नहीं दिखाई दे रहा है, क्योंकि अधिकतर वार्डो से कूड़ा मिक्स ही आ रहा है ,और सफाई कर्मी भी अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण निर्वाहन नहीं कर रहे हैं । वहां पर कूड़ा छाटने वालों के लिए भी सुविधा का थोड़ा ध्यान दिया जाना चाहिए , और उन्हें उनके स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक किया जाना चाहिए ।
कूड़ा डालने के स्थान पर कभी-कभी कीटनाशक दवाइयों का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए , जिससे कि कूड़ा छाटने वाले लोगों को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े । प्लास्टिक कचरे के सही निस्तारण के लिए नए नियमों में प्लास्टिक थैलियों , कैरी बैग ,और पैकेजिंग सामग्री पर उसके निर्माता का नाम पता दर्ज करना अनिवार्य होगा ,जिससे कि बिना नाम पते वाली प्लास्टिक थैलियों की बिक्री गैरकानूनी होगी , इसी प्रकार से दुकानों के लिए भी प्रावधान किया गया है , कि वह ऐसी थैलियों का इस्तेमाल सामान बेचने के लिए नहीं करें । किसी भी कचरे को सही तरीके से निपटाने के लिए उस पर विशेष , संग्रह , परिवहन , निगरानी, तथा उस पर खास प्रक्रिया करनी पड़ती है , जिससे कि कूड़े का पूर्ण रूप से प्रबंधन किया जा सके । हम प्लास्टिक उत्पादों को पूर्ण रुप से बंद तो नहीं कर सकते , पर निश्चित तौर से इसके उपयोग को कम कर सकते हैं । और एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में हमें भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए ।।
” स्वच्छ भारत ,स्वस्थ भारत ” ।
” जब तक कूड़ा दान रहेगा ”
” गंदगी का नामोनिशान नहीं रहेगा ” ।
गीता भट्ट
समुदाय संयोजक
प्रोजेक्ट अविरल
Great work Geeta and Team Aviral